भाजपा सांसद चिन्मयानन्द उर्फ़ कृष्णपाल सिंह का विस्तृत विवरण: सुनने या पढ़ने में आपको अटपटा भले ही लगे परन्तु यह सच है कि स्वामी चिन्मयानन्द का मूल नाम कृष्णपाल सिंह है |और चिन्मयानद मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के निवासी हैं | इनका मूल नाम कृष्णपाल सिंह है जो कि गोंडा जिले के परसपुर क्षेत्र के त्यौरासी रमईपुर के रहने वाले हैं |
चिन्मयानन्द की शिक्षा
इसी परसपुर में स्थित तुलसी स्मारक इंटर कॉलेज से इन्होंने इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की |इंटर की परीक्षा पास करने के उपरांत इनका दाखिला पॉलिटेक्निक में हो गया और ये मनकापुर से पॉलिटेक्निक करने लगे | इसी समय चिन्मयानन्द उर्फ़ कृष्णपाल सिंह गणतन्त्र दिवस के अवसर पर दिल्ली में आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों को देखने के लिए मनकापुर से दिल्ली चले गए |
दिल्ली जाने के बाद ये दुबारा वापस घर लौट के नहीं आए और यहीं से कृष्णपाल उर्फ़ चिन्मयानन्द गुम हो गए | इसी बीच एम.ए. इन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से किया |
चिन्मयानन्द का संन्यास
इसके पश्चात चिन्मयानन्द शाहजहांपुर में स्वामी धर्मानंद के शरण में आकर संन्यास ग्रहण कर लिया और स्वामी धर्मानंद के शिष्य बनकर उन्हीं के आश्रम ‘मुमुक्षु आश्रम’ में रहने लगे |
राम मंदिर और चिन्मयानन्द
इसी समय अयोध्या के राम मंदिर का मुद्दा देश में जोर पकड़ रहा था |चिन्मयानन्द अयोध्या के राम मंदिर के आन्दोलन में इस प्रकार से सक्रिय हुए कि इसी राम मंदिर आन्दोलन ने चिन्मयानंद के लिए राजनीतिक जमीन तैयार कर दिया | इस मौके का लाभ उठाते हुए चिन्मयानन्द भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए |
चिन्मयानन्द का राजनीतिक
यहीं से चिन्मयानन्द का राजनीतिक सफ़र शुरू हो गया | राम मंदिर आन्दोलन की सक्रियता से प्रसन्न होकर भाजपा ने चिन्मयानंद को 1991 के लोकसभा चुनाव में यूपी के बदांयू सीट से अपना प्रत्यासी घोषित किया | तत्कालीन लोकसभा चुनाव को जीत कर चिन्मयानंद लोकसभा पहुँच गए |
इसके पश्चात चिन्मयानन्द 1998 में मछली शहर से और 1999 में जौनपुर से भी सांसद चुने गए और अटल विहारी वाजपेयी सरकार में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री बनाए गए | इसके पश्चात चिन्मयानंद ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और राजनीती से लेकर अध्यात्म तक के क्षेत्र में बहुत ऊँचाई तक गए |
विदित हो कि इस समय चिन्मयानन्द यौनाचार के आरोप में न्यायिक हिरासत में है.