शिक्षक दिवस: डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया गया |
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का परिचय
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म आज ही के दिन अर्थात 5 सितम्बर सन 1988 को तमिलनाडु राज्य के तिरुतनी ग्राम में हुआ था | इनके पिता का नाम श्री सर्वपल्ली वीरास्वामी था तथा इनकी माता का नाम श्रीमती सीतम्मा था | डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म ब्राह्मण परिवार में हुआ था |
नाम के आगे सर्वपल्ली का जुड़ने का रहस्य
राधा कृष्णन के नाम के पहले लगने वाला ‘सर्वपल्ली’ शब्द वास्तव में इसलिए प्रयोग किया जाता है क्योंकि उनके पूर्वज,पूर्व में सर्वेपल्ली नामक ग्राम में ही रहते थे जो कालान्तर में तिरुतनी नामक ग्राम में आकर बस गए थे | उनके पूर्वज यह चाहते थे कि उनके मूल गाँव या जन्म स्थली ‘सर्वपल्ली’ का नाम उनके साथ हमेशा जुड़ा रहे इसलिए उनके पूर्वजों ने अपने जन्म स्थान का बोध कराने के लिए अपने नाम के पहले ‘सर्वपल्ली’ शब्द प्रयोग करने लगे |
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की शिक्षा
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के पिता पुराने धार्मिक विचारों के थे | और कहा यह भी जाता है कि डॉ राधाकृष्णन के पिता इनके अंग्रेजी पढ़ने और स्कूल जाने खिलाफ थे | वे इनको पुजारी बनाना चाहते थे | डॉ. राधाकृष्णन शुरु से ही पढ़ाई –लिखाई में अधिक रूचि रखते थे | इन सब के बावजूद डॉ. राधाकृष्णन की प्रारंभिक शिक्षा गाँव के ही स्कूल में हुई | अगले फिर 4 साल की उनकी शिक्षा वेल्लूर में हुई |
डॉ. राधाकृष्णन ने 1902 में प्रथम श्रेणी में मैट्रिक की परीक्षा किया और इसके लिए उन्हें छात्रवृत्ति प्रदान की गई | इनकी बाकी आगे की पढ़ाई (अर्थात बी.ए. एवं एम.ए.) मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से हुई | सन 1909 में डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने दर्शन शास्त्र में मास्टर डिग्री प्राप्त की |
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का शिक्षा क्षेत्र में अतुलनीय योगदान
मास्टर की डिग्री प्राप्त करने के पश्चात मद्रास प्रेसीडेंसी कॉलेज में ही डॉ. राधाकृष्णन ने दर्शन शास्त्र के प्राध्यापक के रूप में नियुक्त होकर अपने शिक्षक जीवन की शुरुआत की |
डॉ.राधाकृष्णन कई विश्वविद्यालयों के कुलपति भी रहे जैसे – 1931 में आंध्र विश्वविद्यालय, 1939 में काशी विश्वविद्यालय,तथा 1954 में दिल्ली विश्वविद्यालय | जिसमें सन 1939 से 1948 तक वह बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति रहे |
डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन का राजनीति में योगदान
डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन सन 1949 से 1952 तक सोवियत संघ में भारत के राजदूत भी रहे | सन 1952 में उन्हें भारत का पहला उपराष्ट्रपति बनाया गया | सन 1962 में राधाकृष्णन को भारत का दूसरा राष्ट्रपति चुना गया | सन 1967 में वे राष्ट्रपति के पद से सेवा निवृत्ति हो गए |
डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन प्राप्त सम्मान
तत्पश्चात 1954 में डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन को भारत रत्न से सम्मानित किया गया | डॉ. सर्व पल्ली राधाकृष्णन को अमेरिकी सरकार द्वारा उनके मरणोपरांत ‘टेम्पलटन पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था |
डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन का निधन
राष्ट्रपति के पद से सेवा निवृत्ति के पश्चात डॉ. सर्व पल्ली राधाकृष्णन अपने घर चेन्नई (मद्रास) चले गए | 17 अप्रैल सन 1975 को लम्बी बीमारी के पश्चात यह महापुरुष इस दुनिया से प्रस्थान कर गया |
डॉ. सर्व पल्ली राधाकृष्णन ने अपने जीवन के 40 वर्षों को एक आदर्श शिक्षक के रूप में व्यतीत किया इसीलिए उनके 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है |